अडे़ल – मार्गदर्शन
आपकी तिरासवीं बैठक अडे़ल (प्रयागराज) में है । यही पर आपके ज्येष्ठ पुत्र श्रीगोपीनाथजी की प्राकट्य बैठक एवं श्रीगुसांईजी के षष्ठ लालजी श्रीयदुनाथ जी की भी बैठक गुप्त है ।
मार्ग –
तीर्थराज प्रयाग (इलाहाबाद) देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है । सड़क/रेल मार्ग से यहाँ से नाव द्वारा त्रिवेणी पार करके अथवा बस/गाड़ी द्वारा नैनी होते हुए अड़ैल बैठक जी पहुँचा जा सकता है । यहाँ पर वैष्णवों के ठहरने एवं प्रसाद लेने की व्यवस्था है । यहाँ पर गोशाला भी है ।
श्रीमहाप्रभुजी की बैठक जी,
ग्राम : देवरख
डाक : नैनी
जिला : इलाहाबाद – 211001 (उ.प्र.)
फोन : 0532- 2696108
मो. : 9334134029
संपर्क सूत्र |
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अड़ैल बैठकजी | चरणाटधाम(चुनार) बैठकजी |
श्री ब्रजमोहन दास सोनावाला 9161999963 | श्री ब्रजमोहन दास रेशमवाला 9839062888 |
" श्याम दास गुजराती 9839145230 | " रमेश कुमार दिल्लीवाला 9453265889 |
" ब्रजरमण दास मोढ़ 9792052708 | " मुकुंद दास बिशम्भरी 9335724971 |
" अरुण पारीख 9839384825 | " अरुण पारीख 9839384825 |
" ब्रजभवनदास खंडवाला(बाबो भाई) 9161404040 | " राजेश कुमार अग्रवाल जीएन 9354966565 |
" मधुसूदन दास सोनावाला 9838004866 |
चरित्र
इस स्थल पर आपश्री का अनेक विद्वानों से शास्त्रार्थ हुआ । आपने सबको संतुष्ट कर भक्ति मार्ग में प्रवृत्त किया । कहा जाता है कि आप श्री गुरु रूप में माता इलम्मागारूजी को दीक्षा मंत्र देने में असमंजस का अनुभव करते थे अतः श्रीनवनीत प्रभु ने स्वयं माता को ब्रम्हसंबंध दीक्षा मंत्र देकर सेवोपयोगी बनाया । आपश्री के प्रथम लालजी श्री गोपी नाथ जी का प्रागट्य वि. सं.1567 आश्विन कृष्ण 12 को एवं गुसाईं श्रीविट्ठलनाथजी के प्रथम से षष्ठ लालजी का प्राकट्य इसी स्थल पर हुआ था । सप्तम लालजी का प्राकट्य गोकुल में हुआ था ।